विवेकानंद का सामाजिक दर्शन क्या है ?


विवेकानंद का सामाजिक दर्शन क्या है ?

वह आधुनिक भारत के महान धर्म गुरु एवं समाजसुधारक थे।
  • आध्यात्मिक मानववाद- मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है।
  • सार्वभौम धर्म - सभी धर्म समान, धर्म का उद्देश्य मानव कल्याण हैं।
  • युवा शक्ति पर बल- युवाओं को राष्ट्र शक्ति माना है।
  • दरिद्र नारायण- दरिद्रो, दीन दुखियों की सेवा करना।
  • कर्म योगी- व्यक्ति को क्रियाशील होना चाहिए।
  • सामाजिक विचार- रूढ़ियों का विरोध, अस्पृश्यता, जाति , वर्णव्यवस्था विरोध, सामाजिक समानता लाना।
  • शिक्षा संबंधी विचार- शिक्षा से व्यक्ति को स्वावलंबी बनना, नारी शिक्षा।

टिप्पणियाँ

4

प्रयोजनवाद क्या है प्रयोजनवाद का सिद्धांत और शिक्षा प्रयोजनवाद के जनक, रॉस के अनुसार प्रयोजनवाद,प्रयोजनवाद के रूप ,प्रयोजनवाद व शिक्षा,प्रयोजनवाद व शिक्षण विधियां,प्रयोजनवाद का मूल्यांकन

Budhha philosophy Pratitayasamutpad, anityavad, chadhikvad, anatamvad बौद्ध दर्शन प्रतीत्यसमुत्पाद- अनित्यवाद- क्षणिकवाद- अनात्मवाद

कबीर,कबीर के उपदेश,कबीर का एकेश्वरवाद,कबीर पंथ,कबीर का काव्य सौंदर्य,कबीर का रहस्यवाद,कबीर का दार्शनिक विचार ,कबीर की कृतियां,बीजक ,कबीर के दोहे