कोरोना वायरस एक महामारी व विश्व स्वास्थ्य संगठन की घटती हुई भूमिका
हाल ही में सबसे ज्यादा चर्चित कोरोना वायरस रहा है अगर हम इसके बारे में जाने तो इसकी शुरुआत चीन के बुहान शहर से हुई थी । हम शोधकर्ताओं की माने तो अभी तक मिले प्रमाणों से यही पता चलता है यह वायरस शरीर मे प्रवेश करते ही सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम सी ओ बी दो नामक रोग फैलाता इसे कोवीड 19 कहा जाता है। इस वायरस का अभी तक जानकारी से पता चलता है की यह वायरस चमगादड़ के संपर्क में आकर विभिन्न जीवो के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करता है लेकिन अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर यह मनुष्य मैं कैसे पहुंचा। वैसे देखा जाए तो शोधकर्ता अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है
आखिर कोरोना क्या है और कैसे यह महामारी का रूप धारण किया
यह कई वायरसों का एक समूह है जोकि आर एन ए से मिलकर बना होता है
यह मुख्य रूप से स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है यह वायरस साधारण से सर्दी जुकाम हल्का बुखार सिर दर्द इत्यादि के बाद संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है तथा इस बारिश का अभी तक कोई उपचार उपलब्ध नहीं है इसलिए यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी के ऊपर ही निर्भर रहता है यह वायरस आज से पहले कभी भी इंसानों में नहीं देखा गया। आज से लगभग 3 महीने पहले यह वायरस चीन में पाया गया जो कि आज विश्व की लगभग 160 से अधिक देशों में फैल चुका है और यह अपनी व्यापकता के कारण महामारी का रूप धारण कर चुका है जिसके बहुत विभिन्न कारण हैं
चीन द्वारा जानकारी को छुपाना : रिपोर्टों की माने तो चीन में यह वायरस सबसे पहले अक्टूबर माह में देखा गया जिसने वहां के व्यक्तियों को साधारण निमोनिया के रूप में ग्रसित किया तब वहा एक डॉक्टर ली वेनलियांग द्वारा यह पता लगा लिया गया था यह एक नया प्रकार का वायरस है जो लोगों को ग्रसित कर रहा है उस समय बहुत से लोगों की निमोनिया के कारण मृत्यु हो गई पर जैसे ही इन्होंने इस वायरस के बारे अपने रिश्तेदारों को बताया तो उनके द्वारा बताई गई जानकारी लीक हो गई जिससे चीन की सरकार ने तुरंत वार्निंग दी कि कि ऐसा कोई वायरस नहीं है तथा इसके बारे में गलत अफवाह ना फैलाएं नहीं तो आपको जेल भी भेजा जा सकता है तथा जैसे-जैसे यह लोगों में संक्रमण फैला तो उस की पर्याप्त जानकारी चीन द्वारा ना ही विश्व स्वास्थ संगठन को बताई और ना ही अन्य देशों को दी। दिसंबर तक आते-आते चीन सरकार ने डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह बताया कि यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता पर उसी समय ताइवान की सरकार ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह जानकारी उपलब्ध करा दी थी कि चीन में एक ऐसा वायरस है जो लोगों को ग्रसित कर रहा है पर उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया बल्कि यह कहा कि चीन द्वारा किए गए इस वायरस पर कार्य प्रशंसनीय है
Jan14 tweet came less than two months before WHO declared COVID-19 to be a global pandemic.
Who tweet 14 Jan 2020 "Preliminary investigations conducted by the Chinese authorities have found no clear evidence of human-to-human transmission of the novel #coronavirus (2019-nCoV) identified in #Wuhan, #China," the organization had said
ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य अध्यक्ष इथोपिया के डॉक्टर ट्रेडोस एड्रेनाम है तथा पिछले कुछ सालों में चीन द्वारा बहुत सारा इन्वेस्टमेंट इथोपिया में किया गया है और इसके अलावा जिस प्रकार चाइना की इकोनामी आगे बढ़े रही है तथा इनकी अर्थव्यवस्था दूसरे स्थान पर है जिसके चलते चीन ने अधिक फंड को विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिया है जिससे चीन का प्रभाव डब्ल्यूएचओ पर अधिक रहा है और देखा जाए तो ज्यादा तर वायरस के नाम उनके ओरिजिन के नाम पर होते है जैसे नील वायरस , इबोला , जीका इत्यादि
पर डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वायरस का नाम नोबल कोबीड 19 रखा गया जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा चीन का फेवर किया गया
डब्ल्यू एच ओ द्वारा कोई भी निर्णायक कदम नहीं उठाए गए अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही यह एडवाइजरी जारी कर देता तो इस वायरस पर रोक लगाई जा सके। चीन में 23 दिसंबर से नए साल की छुट्टियां लग जाती है जिस कारण लोग बड़ी मात्रा में घूमने जाते हैं तथा उसी समय चीन के बुहांन शहर से लगभग 50 लाख व्यक्ति ने अन्य जगह ट्रैवल किया जिसके बाद ही यह महामारी विभिन्न देशों मैं पहुंची तथा उस समय अगर डब्ल्यूएचओ चीन की ओर रुख ना करके अपितु ताइवान सरकार द्वारा कही गई बात पर ध्यान देता तो अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं में प्रतिबंध लगाकर इस महामारी को रोका जा सकता था
इटली में अधिक मृत्यु के कारण यह वायरस इटली में अधिक मृत्यु का कारण इसलिए बना क्योंकि इटली एक बहुत बढ़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसमें लाखों की संख्या में लोग यहां का आकर्षण देखने आते हैं तथा यहां पर सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए और ना ही अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया गया जिससे यह वायरस को फैलने और अधिक छूट मिली। इसके अलावा यह देश स्वास्थ्य सेवाओं पर दूसरे नंबर पर आता है फिर भी इस वायरस को रोकने में सक्षम नहीं हुआ चीन ने भले ही इस वायरस पर काबू पाने का दावा करें लेकिन दुनिया के तमाम देशों में का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है कई देशों में इस वायरस संक्रमित और मृतकों का आंकड़ा चीन से बहुत आगे बढ़ चुका है ईरान यूरोप के बाद अब अमेरिका इसका सबसे बड़ा पीड़ित देश बन गया है
क्रोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कब तक
दुनिया को इस वायरस की वैक्सीन का इंतजार बेसब्री से है जिसमें हम भी हैं। अकेले चीन में ही एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल कालेज व साइंस एकेडमी के 1200 वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं इसके अलावा अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी ऑस्ट्रेलिया जापान कि कुछ अन्य देशों की कंपनियां यह दावा कर रही है कि हम इस दवा को बनाने के बिल्कुल ही करीब हैं लेकिन फिर भी लगभग 15 महीनो मैं इस वायरस की वैक्सीन को तैयार किया जा सकता है या शोधकर्ताओं को इससे और अधिक समय भी लग सकता है
भारत द्वारा उठाए गए कदम
प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिन तक संपूर्ण देश में लॉक डाउन और विभिन्न शहरों में कर्फ्यू लगाया गया
विदेश से आए प्रतेक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है तथा उन्हें क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन में रखा जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं सेवाओं को बंद किया गया
परिवहन जिनमें ट्रेन और बस taxi auto सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया
सामाजिक दूरी बनाए रखने का आदेश सरकार द्वारा दिया गया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस की राहत हेतु 1.7 लाख करोड़ का कोष की घोषणा की
कोरोना वायरस को हराने के लिए सेना द्वारा ऑपरेशन नमस्ते चलाया जा रहा है
जरूरी आवश्यक चीजों के लिए मंत्रालय ने लॉजिस्टिक टास्क फोर्स की स्थापना की है
डब्ल्यूएचओ क्या है ?
डब्ल्यूएचओ का गठन 1948 में किया गया जो मुख्य रूप स्वास्थ्य से संबंधित विश्व स्तर पर एक मंच प्रदान करता है और विश्व के देशों को नेतृत्व प्रदान करता है यह यूएन की एक विशेष एजेंसी है
आखिर कोरोना क्या है और कैसे यह महामारी का रूप धारण किया
यह कई वायरसों का एक समूह है जोकि आर एन ए से मिलकर बना होता है
यह मुख्य रूप से स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है यह वायरस साधारण से सर्दी जुकाम हल्का बुखार सिर दर्द इत्यादि के बाद संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है तथा इस बारिश का अभी तक कोई उपचार उपलब्ध नहीं है इसलिए यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी के ऊपर ही निर्भर रहता है यह वायरस आज से पहले कभी भी इंसानों में नहीं देखा गया। आज से लगभग 3 महीने पहले यह वायरस चीन में पाया गया जो कि आज विश्व की लगभग 160 से अधिक देशों में फैल चुका है और यह अपनी व्यापकता के कारण महामारी का रूप धारण कर चुका है जिसके बहुत विभिन्न कारण हैं
चीन द्वारा जानकारी को छुपाना : रिपोर्टों की माने तो चीन में यह वायरस सबसे पहले अक्टूबर माह में देखा गया जिसने वहां के व्यक्तियों को साधारण निमोनिया के रूप में ग्रसित किया तब वहा एक डॉक्टर ली वेनलियांग द्वारा यह पता लगा लिया गया था यह एक नया प्रकार का वायरस है जो लोगों को ग्रसित कर रहा है उस समय बहुत से लोगों की निमोनिया के कारण मृत्यु हो गई पर जैसे ही इन्होंने इस वायरस के बारे अपने रिश्तेदारों को बताया तो उनके द्वारा बताई गई जानकारी लीक हो गई जिससे चीन की सरकार ने तुरंत वार्निंग दी कि कि ऐसा कोई वायरस नहीं है तथा इसके बारे में गलत अफवाह ना फैलाएं नहीं तो आपको जेल भी भेजा जा सकता है तथा जैसे-जैसे यह लोगों में संक्रमण फैला तो उस की पर्याप्त जानकारी चीन द्वारा ना ही विश्व स्वास्थ संगठन को बताई और ना ही अन्य देशों को दी। दिसंबर तक आते-आते चीन सरकार ने डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह बताया कि यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में नहीं फैलता पर उसी समय ताइवान की सरकार ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह जानकारी उपलब्ध करा दी थी कि चीन में एक ऐसा वायरस है जो लोगों को ग्रसित कर रहा है पर उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया बल्कि यह कहा कि चीन द्वारा किए गए इस वायरस पर कार्य प्रशंसनीय है
Jan14 tweet came less than two months before WHO declared COVID-19 to be a global pandemic.
Who tweet 14 Jan 2020 "Preliminary investigations conducted by the Chinese authorities have found no clear evidence of human-to-human transmission of the novel #coronavirus (2019-nCoV) identified in #Wuhan, #China," the organization had said
ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य अध्यक्ष इथोपिया के डॉक्टर ट्रेडोस एड्रेनाम है तथा पिछले कुछ सालों में चीन द्वारा बहुत सारा इन्वेस्टमेंट इथोपिया में किया गया है और इसके अलावा जिस प्रकार चाइना की इकोनामी आगे बढ़े रही है तथा इनकी अर्थव्यवस्था दूसरे स्थान पर है जिसके चलते चीन ने अधिक फंड को विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिया है जिससे चीन का प्रभाव डब्ल्यूएचओ पर अधिक रहा है और देखा जाए तो ज्यादा तर वायरस के नाम उनके ओरिजिन के नाम पर होते है जैसे नील वायरस , इबोला , जीका इत्यादि
पर डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वायरस का नाम नोबल कोबीड 19 रखा गया जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा चीन का फेवर किया गया
डब्ल्यू एच ओ द्वारा कोई भी निर्णायक कदम नहीं उठाए गए अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही यह एडवाइजरी जारी कर देता तो इस वायरस पर रोक लगाई जा सके। चीन में 23 दिसंबर से नए साल की छुट्टियां लग जाती है जिस कारण लोग बड़ी मात्रा में घूमने जाते हैं तथा उसी समय चीन के बुहांन शहर से लगभग 50 लाख व्यक्ति ने अन्य जगह ट्रैवल किया जिसके बाद ही यह महामारी विभिन्न देशों मैं पहुंची तथा उस समय अगर डब्ल्यूएचओ चीन की ओर रुख ना करके अपितु ताइवान सरकार द्वारा कही गई बात पर ध्यान देता तो अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं में प्रतिबंध लगाकर इस महामारी को रोका जा सकता था
इटली में अधिक मृत्यु के कारण यह वायरस इटली में अधिक मृत्यु का कारण इसलिए बना क्योंकि इटली एक बहुत बढ़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जिसमें लाखों की संख्या में लोग यहां का आकर्षण देखने आते हैं तथा यहां पर सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए और ना ही अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया गया जिससे यह वायरस को फैलने और अधिक छूट मिली। इसके अलावा यह देश स्वास्थ्य सेवाओं पर दूसरे नंबर पर आता है फिर भी इस वायरस को रोकने में सक्षम नहीं हुआ चीन ने भले ही इस वायरस पर काबू पाने का दावा करें लेकिन दुनिया के तमाम देशों में का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है कई देशों में इस वायरस संक्रमित और मृतकों का आंकड़ा चीन से बहुत आगे बढ़ चुका है ईरान यूरोप के बाद अब अमेरिका इसका सबसे बड़ा पीड़ित देश बन गया है
क्रोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कब तक
दुनिया को इस वायरस की वैक्सीन का इंतजार बेसब्री से है जिसमें हम भी हैं। अकेले चीन में ही एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल कालेज व साइंस एकेडमी के 1200 वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं इसके अलावा अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी ऑस्ट्रेलिया जापान कि कुछ अन्य देशों की कंपनियां यह दावा कर रही है कि हम इस दवा को बनाने के बिल्कुल ही करीब हैं लेकिन फिर भी लगभग 15 महीनो मैं इस वायरस की वैक्सीन को तैयार किया जा सकता है या शोधकर्ताओं को इससे और अधिक समय भी लग सकता है
भारत द्वारा उठाए गए कदम
प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिन तक संपूर्ण देश में लॉक डाउन और विभिन्न शहरों में कर्फ्यू लगाया गया
विदेश से आए प्रतेक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है तथा उन्हें क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन में रखा जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं सेवाओं को बंद किया गया
परिवहन जिनमें ट्रेन और बस taxi auto सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया
सामाजिक दूरी बनाए रखने का आदेश सरकार द्वारा दिया गया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस की राहत हेतु 1.7 लाख करोड़ का कोष की घोषणा की
कोरोना वायरस को हराने के लिए सेना द्वारा ऑपरेशन नमस्ते चलाया जा रहा है
जरूरी आवश्यक चीजों के लिए मंत्रालय ने लॉजिस्टिक टास्क फोर्स की स्थापना की है
डब्ल्यूएचओ क्या है ?
डब्ल्यूएचओ का गठन 1948 में किया गया जो मुख्य रूप स्वास्थ्य से संबंधित विश्व स्तर पर एक मंच प्रदान करता है और विश्व के देशों को नेतृत्व प्रदान करता है यह यूएन की एक विशेष एजेंसी है
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