ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत क्या है?
- इस मूल सिद्धांत के अनुसार उर्जा का ना तो सृजन किया जा सकता है और ना ही उर्जा का विनाश हो सकता है
- अतः ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है इसे एक माध्यम से दूसरे माध्यम में रूपांतरण किया जाता है इसे ही ऊर्जा संरक्षण का नियम कहते हैं।
पास्कल का नियम क्या है?
- किसी द्रव की स्थिर अवस्था में तल के किसी भी स्थान पर अगर बल डाला जाए तो वह दाब समान रूप से संपूर्ण द्रव्य में संचालित हो जाता है इसे पास्कल का संचरण नियम कहते हैं।
- पास्कल के नियम का अनुप्रयोग हाइड्रोलिक प्रेस एवं लिफ्ट और ब्रेक में किया जाता है।
आर्कमिडीज का सिद्धांत क्या है?
- इस नियम के अनुसार जब कोई वस्तु द्रव्य अर्थात तरल में पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से डुबोई जाती है। तो उसके भार में कमी का आभास होता है
- जो उत्प्लावक बल का परिमाण द्वारा हटाए गए द्रव्यमान के भार के बराबर होता है।
- उत्प्लावक बल-किसी द्रव में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर जो बल कार्य करता है उसे उत्प्लावक बल कहते हैं।
बरनौली का सिद्धांत क्या है?
- जब कोई तरल बिना घर्षण के एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहता है तो उसकी कुल ऊर्जा (गतिज+ स्थितिज ऊर्जा+ दाब) एक समान बना रहता है जिसे बरनौली का सिद्धांत कहा जाता है इन्हें गणितीय भौतिकी का संस्थापक माना जाता है इनका योगदान द्रव्य की गति के क्षेत्र में था।
ऊष्मा गति का प्रथम नियम क्या है?
- इस नियम के अनुसार किसी निकाय को दी गई ऊष्मा दो प्रकार के कार्यों में खर्च होती है प्रथम निकाय की आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करने से निकाय का ताप बढ़ता है दूसरा बाह्य कार्य करने में
ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम क्या है?
- इस नियम को उत्क्रम माप का नियम कहते हैं। ऊष्मा गतिकी का प्रथम नियम ऊष्मा प्रवाहित होने की दिशा नहीं बताता जबकि दूसरा नियम दिशा को प्रदर्शित करता है।
ऊष्मागतिकी का तृतीय नियम क्या है?
- इस नियम के अनुसार किसी पदार्थ के निकाय का तापमान को परम शून्य तक नहीं घटाया जा सकता है यह एक चरम अवस्था है जिसे प्राप्त करना असंभव है इसे ही ऊष्मा गति का तृतीय नियम कहा गया है।
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