पर्यावरण से संबंधित सिद्धांत

 पर्यावरण से संबंधित सिद्धांत

इस संसार में किसी भी जीव को अस्तित्व में बने रहने के लिए मूलभूत तत्वों की आवश्यकताएं होती हैं जब इन तत्वों की आवश्यकताएं पूरी हो जाती है तब तक जीव प्रजनन के साथ विकास करता रहता है। इन तत्वों की कमी के साथ ही उस जीव का अस्तित्व खत्म हो जाता है। इसी आधार पर मुख्यतः तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो पर्यावरण से संबंधित है पहला लिविंग का न्यूनतम का नियम दूसरा ब्लैकमैन का नियम एवं तीसरा सेलफोर्ड का सहनशीलता का नियम

लिविंग का न्यूनतम का नियम

लिविंग ने पौधों मेे होने वाले वाली वृद्धि का अध्ययन किया उन्हें इस क्षेत्र के जन्मदाता माना जाता है उन्होंने सबसे पहले घरेलू फसलों का अध्ययन किया और पाया कि पौधों की वृद्धि उसके सबसे कम मात्रा में पाए जाने वाले पदार्थ के ऊपर निर्भर करती है। यदि केवल उस तत्व के अलावा सभी तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तब भी पौधे में वृद्धि उस न्यूनतम मात्रा वाले तत्व पर नियंत्रण करती है। इसे लिविंग का न्यूनतम नियम कहा गया जिसे 1980 में प्रतिपादन किया गया। लिविंग के इस न्यूनतम नियम के कुछ अपवाद हैं जैसे यह नियम लगातार बढ़ते तंत्र पर प्रभावी नहीं होता।

ब्लैकमेन का नियम

जिस प्रकार प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश, ताप, कार्बन डाइऑक्साइड इत्यादि की उचित मात्रा में आवश्यकता होती है तभी प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपूर्ण होती है। वैसे ही ब्लैक मैन के अनुसार किसी भी जीव के जीवन क्रिया के लिए सीमा कारी मात्रा पर भौतिक कारकों  निर्भर करते है।

 सेलफोर्ड का सहनशीलता का नियम

 इस नियम के अनुसार किसी भी जीव मेे आवश्यकता से बहुत अधिक या कम मात्रा में तत्व कारक उपलब्ध हो तो उस जीव पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए सेल फोर्ड के अनुसार किसी भी जीव को अस्तित्व में बने रहने के लिए सीमाकारी स्थितियों की जरूरत पड़ती है। तथा किसी भी जीव मेे भौतिक कारकों की एक अधिकतम एवं न्यूनतम सीमा होती है। इन दोनों सीमाओं के बीच जैविक क्रिया की दर सर्वाधिक होती है। ऑप्टिमम सीमा कहते हैं।



 


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