दूरबीन क्या है
- दूरबीन का इतिहास
- दूरबीन का इतिहास
दूरबीन मानव जाति के लिए सबसे महत्वपूर्ण अविष्कारों में से एक है। इससे दूर की चीजों को देखने के लिए पर्यवेक्षकों को एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। जब वैज्ञानिकों ने आकाश की ओर जासूसी करना प्रारंभ किया तो पृथ्वी और ब्रह्मांड के बहुत से रहस्य की जानकारी प्राप्त हुई।
दरअसल टेलिस्कोप का आविष्कार है हेंसलिपरशे
के बेटे की वजह से हुआ। जब एक बार उसका बेटा रंग बिरंगे कांचो से खेल रहा था तभी हेंस ने अपने बेटे को एक रंग वाले काचों को अलग करने के लिए कहा। लेकिन उसके बेटे ने सभी रंगों की कांच को एक साथ रखकर देखने लगा। जिससे उसे सामने वाली दीवाल 3 गुना पास दिखाई दी। इससे वह डर गया उसने तुरंत अपने पिता को यह बताया और इस घटना को देखकर हेंस भी आश्चर्यचकित हो गए।
1608 में टेलिस्कोप का पेटेंट कराने वाले व्यक्ति के रूप में हेंस लिपरशे को श्रेय जाता है।
दूरबीन का आविष्कार
जब गैलीलियो ने 1609 में अपने फ्रांसीसी सहयोगी जैक बेबडियर के माध्यम से हेंस लीपरशे के सरल टेलिस्कोप उपकरणों के बारे में सुना।
तो उन्होंने तुरंत हेंस के उपकरण की डिज़ाइन को देखे बिना स्वयं का टेलिस्कोप उपकरणों का निर्माण किया।
गैलीलियो का टेलिस्कोप का प्रदर्शन लगभग 20 गुना दूर तक देखने में सक्षम था।
दूरबीन क्या है
टेलिस्कोप ग्रीक के दो शब्दों से मिलकर बना है टेली + स्कॉपेस से बना है जिसमें टेली का अर्थ दूर और स्कॉपेस का अर्थ देखनाseeing होता है
दूरबीन का उपयोग दूर की वस्तुओं को मैग्नीफाई करके देखने के लिए किया जाता है। दूरबीन ने निसंदेह खगोल विज्ञान में एक क्रांति ला दी है जिससे पृथ्वी से कोसों दूर ब्रह्मांड में विभिन्न खगोलीय पिंडों, ग्रहों और आकाशगंगा का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है
टेलीस्कोप के प्रकार
रिफ्रैक्टिव टेलीस्कोप
इस प्रकार के टेलीस्कोप का उपयोग करना सबसे सरल होता है। इसमें दो लेंस लगे होते हैं। प्रकाश दूरबीन के अंत से प्रवेश करत है। तथा उसमें लगा हुआ लेंस प्रकाश को परावर्तित करता या झुकाव प्रदान करता है। जिससे प्रदर्शित छवि अधिक बढ़ी हुई दिखाई देती है।देखा जाए तो आमतौर पर प्राथमिक लेंस के माध्यम से अधिक प्रकाश को प्रवेश करने के लिए उसके पास एक बड़ा छेद होता है। जिससे इमेज साफ प्रदर्शित होती है।
रिफ्लेक्टिव टेलिस्कोप
इस प्रकार के टेलीस्कोप मे ट्यूब और लेंस प्रणाली एक अपवर्तक दूरबीन के समान हैं। इसमें ट्यूब के एक छोर से प्रकाश अंदर आता है उस छोर पर एक प्राथमिक दर्पण और दूसरे छोर पर एक माध्यमिक दर्पण लगा हुआ होता है। प्राथमिक मिरर सेकेंडरी मिरर और eyepiece की तरफ रोशनी को दर्शाता है।
कैटा डियोपटिक टेलीस्कोप
यह टेलिस्कोप का एक हाइब्रिड विकल्प है जो रिफ्लेक्टिव और रिफ्रैक्टिव दोनों की खूबियों पर आधारित होता है। इसके ट्यूब के इंटीरियर में एक सुधारात्मक लेंस होता है। जो आने वाली रोशनी को प्राथमिक दर्पण से द्वितीय दर्पण तक पहुंचाता है। तथा द्वितीयक दर्पण पुनः प्राथमिक दर्पण रोशनी पहुंचाता है।
खगोलीय टेलिस्कोप क्या है
एक खगोलीय टेलिस्कोप एक ऑप्टिकल उपकरण होता है जिसका उपयोग ब्रह्मांड में व्याप्त बहुत दूर की खगोलीय वस्तुओं जैसे पिंड, ग्रह, तारा, आकाशगंगा आदि की इमेज को देखने के लिए किया जाता है।
हब्बल स्पेस टेलीस्कोप
हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष पर आधारित खगोलीय दूरबीन है यह low orbit में रहकर पृथ्वी की परिक्रमा करता है। हबल टेलीस्कोप को लगभग 30 वर्ष पूर्व 1990 में स्पेस शटल डिस्कवरी द्वारा लांच किया गया था। इसके लॉन्च होते ही मुख्य दर्पण में कुछ खामियां पाई गई।
जिससे टेलिस्कोप अपनी पूर्ण क्षमता से काम नहीं कर पा रहा था। इसलिए 1993 में सर्विसिंग मिशन द्वारा ऑप्टिक्स को इच्छित गुणवत्ता के लिए सुधारा गया।
इसका नाम एडबिंन हब्बल के नाम पर रखा गया। एडविन हबल अमेरिकी खगोलशास्त्री थे।
हबल टेलीस्कोप को नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सहयोग से तैयार किया गया था। इस टेलिस्कोप का प्रबंधन एवं नियंत्रण गॉड दार्ड स्पेस फ्लाइट द्वारा किया जाता है।
हबल टेलीस्कोप में दो दर्पण लगे हुये है जिसमें प्राथमिक दर्पण का व्यास 2.4 मीटर है और इसका वजन 828 किलोग्राम है। वही दूसरा दर्पण का व्यास 0.3 मीटर और भार 12 किलो है। फोकस दूरी 57.6 मीटर है जिसे एलुमिनियम और मैग्नीशियम फ्लोराइड की परत से ढका हुआ है।
टेलिस्कोप के मूल उपकरण पैकेज में वाइड फील्ड / प्लैनेटरी कैमरा (डब्ल्यूएफ / पीसी), गोडार्ड हाई रेजोल्यूशन स्पेक्ट्रोग्राफ (जीएचआरएस), फेंट ऑब्जेक्ट कैमरा (एफओसी), फेंट ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रम (एफओएस), और उच्च फोटोमीटर (एचएसपी) शामिल थे।
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