प्रयोजनवाद का मूल्यांकन व्याख्या करे?
प्रयोजनवाद का मूल्यांकन
- रॉस के अनुसार प्रयोजनवाद एक मानवीय दर्शन हैं जो मानता है की मानव क्रिया की अवधि में, अपने मूल्यों का निर्माण करता है और यह मानता है कि वास्तविकता हमेशा, निर्माण की अवस्था में होती है।
- प्रयोजनवाद शिक्षा का मुख्य आदर्श माना जाता हैं, रस्क ने प्रयोजनवाद की प्रशंसा के लिए कहा है कि प्रयोजनवाद, नवीनादर्शवाद के विकास में एक चरण मात्र है। जो हमेशा वास्तविकता का ध्यान रखता हैं।
सकारात्मक पक्ष
- प्रयोजनवाद बच्चो को व्यवहारिक जीवन जीने के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
- प्रयोजनवाद एक सामाजिक शिक्षा है जो हमारे अंदर स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व जैसे गुणों का विकास करती हैं।
- इसमें विचारों की जगह क्रिया की अधिक महत्वता है।
- रस्क का मानना था कि इसने विचार को व्यवहार के अधीन बनाया हैं।
- प्रयोजनवाद ने शिक्षा में नवीन शिक्षा, प्रगतिशील शिक्षा, क्रिया प्रधान पाठयक्रम की बात कही।
नकारात्मक पक्ष
- प्रयोजनवाद आध्यात्मिक गुणों की अवहेलना करके वर्तमान जगत पर अधिक महत्व मानता है।
- प्रयोजनवाद सत्य को परिवर्तनशील मानता है।
- प्रयोजनवाद पूर्व सांस्कृतिक आदर्शो और मान्यताओं को स्वीकार नहीं करता है।
- प्रयोजनवाद ने शिक्षा का कोई उद्देश नहीं बताया ।
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