उष्णकटिबंधीय चक्रवात एवं शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात में क्या अंतर हैं?
चक्रवात क्या है ?
महासागरों में पवन की परिवर्तनशीलता व अस्थिरता से केन्द्र में, निम्न वायुदाब तथा बाह्य क्षेत्र में, उच्च वायुदाब बनता है चक्रवात कहलाता है।
चक्रवात के प्रकार
1. शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
- इनकी उत्पत्ति ध्रुवीय क्षेत्रों में, ध्रुवीय वाताग्र यानि दो विपरीत गुणों वाली वायु राशि ( गर्म व ठंडी ) जलधाराओं के मिलने से होती है।
- इसके केन्द्र में निम्न वायुदाब, जबकि बाहर उच्च वायुदाब होता है।
- इनकी उत्पत्ति मध्य अक्षांश के दोनो गोलार्द्ध में 35 से 65॰ के मध्य होती है।
- एक आदर्श चक्रवात का विकास 6 क्रमिक चक्र अवस्था में होता है। जिसका व्यास 1950km होता है।
2. उष्णकटिबंधीय चक्रवात
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पन्न तथा विकसित होने वाले चक्रवात को उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहते हैं।
- इनकी उत्पत्ति कर्क व मकर रेखा के मध्य होती है।
- वह स्थान जहां उष्णकटिबंधीय चक्रवात तट को पार कर जमीन तक पहुंच जाते उसे चक्रवात का लैंड फाल कहते हैं।
- भूमध्य रेखा के समीप दोनो गोलार्द्ध की व्यापारिक पवने मिलती हैं, वहा निम्न वायुदाब का विकास होता है, यह क्षेत्र ITCZ कहलाता हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात एवं शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात में क्या अंतर हैं?
महासागरों में पवन की परिवर्तनशीलता व अस्थिरता से केन्द्र में निम्न वायुदाब तथा बाह्य क्षेत्र में, उच्च वायुदाब बनता है चक्रवात कहलाता है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात अंतर शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
उष्णकटिबंधीय चक्रवात
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पन्न तथा विकसित होने वाले चक्रवात को उष्ण कटिबधीप चक्रवात कहते हैं।
- इनकी उत्पत्ति 5 से 30 डिग्री के मध्य होती है।
- इनका प्रवाह क्षेत्र पूर्व से पश्चिम होता है
- यह संवहनीय वर्षा कराते है
- इनका क्षेत्र विस्तृत होता है
- इसमें वायुदाब प्रवर्णता अधिक और विनाशकारी होती हैं।
शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
- इनकी उत्पत्ति ध्रुवीय क्षेत्रों में ध्रुवीय वाताग्र से होती है शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात कहलाते हैं।
- इनकी उत्पत्ति 35 से 65 डिग्री के मध्य होती है।
- इनका प्रवाह क्षेत्र पश्चिम से पूर्व होता है
- यह वाताग्री वर्षा कराते है
- इनका क्षेत्र कम विस्तृत होता है
- इसमें वायुदाब प्रवर्णता कम होती है।
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