अरस्तु के नैतिक विचार का संक्षिप्त वर्णन करें?

अरस्तु के नैतिक विचार का संक्षिप्त वर्णन करें?

  • अरस्तू को नीतिशास्त्र को व्यवस्थित रूप प्रदान किया। जिसका उल्लेख निकोमेकेनियन एथिक्स नामक बुक से पता चलता है।
  • अरस्तू के नैतिक विचार, सुकरात एन प्लेटो से प्रभावित है।
  • नैतिकता का संबंध व्यक्ति के सभी कर्मो से नहीं होता, बल्कि स्वतंत्र संकल्प आधारित कर्मों पर होता है।
  • उनके अनुसार दो प्रकार के स्वेक्छिक कर्म माने जाते है। 1.बिना दबाव के किए गए कर्म। 2.परिस्थतियों से अनभिज्ञ होने से किए गए कर्म ।

  • सद्गुण का सिद्धांत (सदगुण) - सद्गुण मनुष्य की स्थायी अवस्था है जो कठिन परिश्रम के फलस्वरूप उत्पन्न होती है। सद्गुण इसे अच्छे कर्म हैं जो विवेक और बुद्धि के साथ कर्तव्य निर्वहन एवं अच्छा आचरण में सहायक हैं।
  • मध्यम मार्ग का सिद्धांत- इस सिद्धांत के अनुसार नैतिक सद्गुण दो अतिवादी दृष्टिकोण के बीच वांछनीय मध्य है जैसे संयम अनियंत्रित भोग और वैराग्य के बीच की स्थिति है।

टिप्पणियाँ

4

प्रयोजनवाद क्या है प्रयोजनवाद का सिद्धांत और शिक्षा प्रयोजनवाद के जनक, रॉस के अनुसार प्रयोजनवाद,प्रयोजनवाद के रूप ,प्रयोजनवाद व शिक्षा,प्रयोजनवाद व शिक्षण विधियां,प्रयोजनवाद का मूल्यांकन

Budhha philosophy Pratitayasamutpad, anityavad, chadhikvad, anatamvad बौद्ध दर्शन प्रतीत्यसमुत्पाद- अनित्यवाद- क्षणिकवाद- अनात्मवाद

कबीर,कबीर के उपदेश,कबीर का एकेश्वरवाद,कबीर पंथ,कबीर का काव्य सौंदर्य,कबीर का रहस्यवाद,कबीर का दार्शनिक विचार ,कबीर की कृतियां,बीजक ,कबीर के दोहे