कबीर का मुख्य दर्शन क्या है ?, कबीर की 'सामाजिक चेतना' क्या है ?
कबीर की 'सामाजिक चेतना' क्या है ?
कबीर का मुख्य दर्शन क्या है ?
कबीर भक्ति काल के निर्गुण, दार्शनिक, समाज सुधारक एवं कवि थे।
- एकेश्वरवाद- ईश्वर के एकाकार होने का अर्थ मानव एकता से है।
- निगुर्ण उपासक- आराध्य राम को निराकार माना हैं।
- तर्कवाद- समाज की बुराईयों का तार्किकता से प्रहार किया।
- आत्मआलोचन- 'बुरा जो देखन मे चला' से प्रहार किया।
- समाज सुधारक- साप्रदायिकता का विरोध जाति, सामाजिक रूढ़ी, बलि, मूर्तिपूजा का विरोध, अहिंसा का समर्थन।
- गुर-का महत्व गुरु के द्वारा ही ज्ञान की प्राप्ति संभव ।
- माया - माया का अर्थ अविद्या जो तृष्णा, काम, क्रोध को जन्म देती।
- मानवता वाद- विनम्रता, दया, समानता, एकता, बंधुत्व।
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