शंकर का ब्रह्रा क्या है
शंकर का ब्रह्रा क्या है?
आचार्य शंकर अद्वेत वेदांत के प्रणेता थे।
शंकर, "ब्रह्मा सत्यं जगत-मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः"
- शकर के अनुसार ब्रह्रा तत्व श्रीमांसा में एकमात्र सत्ता है।
- ब्रह्रा एकमात्र सत़ है
- संसार में ब्रह्रा ही सत्य है, जगत मिथ्या है।
- जीव और ब्रह्रा दो नही बल्कि अद्वेत है।
- अद्वेत दर्शन के अनुसार, आत्मा और ब्रह्रा को एक माना हैं।
- ब्रह्रा के दो रूप - निर्गुण ब्रह्रा, सगुण ब्रह्रा
- शंकर के अद्वेत दर्शन में सत्ता के तीन स्तर हैं।प्रतिभाषिक सत्ता,व्यावहारिक सत्ता,पारमार्थिक सत्ता
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