महावीर स्वामी का स्यायवाद का सिद्धात बताइए ? स्यायवाद का सिद्धात क्या हैं?

महावीर स्वामी का स्यायवाद का सिद्धात बताइए ? 

  • स्यायवाद जैन दर्शन के ज्ञान मीमांसा से संबधित है 
  • स्यायवाद ज्ञान के सापेक्षता का सिद्धांत हैं जो कि अंतिम सत्य को नहीं स्वीकारता है क्योंकि
  • इस सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक विचार के विभिन्न दृष्टि कोण होते हे। अतः कोई भी ज्ञान/दृष्टि, आंशिक रूप से सत्य हो सकती है, परंतु एकांतिक रूप से नहीं। इसलिए आंशिक सत्य से बचने के लिए स्वामी जी ने स्याद शब्द जोड़ने को कहा।
  • स्याद का अर्थ शायद / संशय।
  • स्यायवाद को ही सप्तभंगीय सिद्धांत कहा जाता हैं।
  • स्यायवाद को अक्सर हांथी और अंधे की कहानी से समझा जाता है।

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