भोपाल रियासत में बेगमों के शासन का स्वर्णिम काल कहा जाता है?
भोपाल रियासत में बेगमों के शासन को स्वर्णिम काल क्यों कहा जाता है?
1722 में दोस्त मोहम्मद खान ने भोपाल रियासत की स्थापना की थी। रियासत में चार महिलाओं ने 1819 से 1926 तक 107 वर्ष शासन किया।
भोपाल रियासत में बेगमों के शासन को स्वर्णिम काल कहा जाता है।
- कुदसिया बेगम - इनके साथ भोपाल रियासत में बेगमों के शासन का प्रारंभ हुआ। भोपाल में धार्मिक दान, सड़को, जलापूर्ति तथा हज यात्रियों के लिए ग्रह बनाए। जामा मस्जिद का निर्माण कराया।
- सिकंदर बेगम - इनके शासन को भोपाल रियासत का स्वर्णिम काल कहा जाता हैं। इन्होंने सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक सुधार किए। जिनमे मजलिस ए शूरा का गठन, टकसाल का निर्माण, आधुनिक अदालतों का गठन एवं मोती मस्जिद ,मोती महल का निर्माण किया।
- नबाब शाहजहा बेगम - ( ताज उल इक़बाल की रचना की जो भोपाल के इतिहास को वर्णित करती है ) राज्य के प्रशासन को आधुनिक बनाया। शाहजहानी सिक्का चलाया।
- सुल्तान जहां बेगम - वह स्त्री शिक्षा को समर्थन करती थी। इसलिए सुल्तानिया बालिका वियालय , Alexandria नोबेल स्कूल प्रिंस ऑफ लेडी क्लब की स्थापना की।
भोपाल रियासत की स्थापना की किसने की थी?
1722 दोस्त मोहम्मद खान ने की , इस्लामनगर को राजधानी बनाया।
भोपाल रियासत का स्वर्णिम काल किसके शासनकाल को कहा जाता हैं?
नबाब सिकंदर बेगम
मजलिस ए शूरा का गठन किसने किया ?
नबाब सिकंदर बेगम, यह बुद्धि जीवियों का राजनीतिक संगठन था, जो राज्य के लिए कानून की सिफारिश करता था। ताज उल इक़बाल की रचना की जो भोपाल के इतिहास को वर्णित करती है
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