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विज्ञान के विभिन्न नियम और सिद्धांत

GSmphilosy: विज्ञान के विभिन्न नियम और सिद्धांत : ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत इस मूल सिद्धांत के अनुसार उर्जा का ना तो सृजन किया जा सकता है और ना ही उर्जा का विनाश हो सकता है अतः ऊर्जा अप...

पर्यावरण अवकर्षण एन्वायरमेंटल डिग्रेडेशन पारिस्थितिकी छाप

पर्यावरण अवकर्षण एवं इसके प्रभाव और पर्यावरण पद चिन्ह मानव इस प्राकृतिक पर्यावरण का अभिन्न अंग है और वह अपने जन्म के साथ ही मानव प्राकृतिक संसाधनों का उपयोगकर्ता आ रहा है मानव के विकास के साथ ही इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है तथा उद्योग एवं तकनीकी विकास के कारण इन संसाधनों के दोहन से पर्यावरण असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो गई है। पर्यावरण अपकर्षण क्या है? पर्यावरण अपकर्षण, पर्यावरण ह्रास, पर्यावरण अवनयन, पर्यावरण निम्नीकरण, पर्यावरण क्षरण आदि शब्द का मतलब एक ही अर्थ के लिए किया जाता है।  पर्यावरण क्षरण क्या है? इन सभी से अभिप्राय है किसी क्षेत्र में पर्यावरण विनाश की ऐसी प्रक्रिया जिससे भौतिक वातावरण के एक या एक से अधिक तत्वों की भौतिक प्रकृति में ह्रास होता है।  अर्थात जब प्राकृतिक एवं मानवीय कारणों से पर्यावरण के किसी भी घटक के अनुपात या गुणवत्ता में परिवर्तन आता है तो वह अपने भौतिक गुणों के विपरीत प्रभाव डालने लगता है तथा पर्यावरण की इसी परिवर्तित स्थिति को पर्यावरण अवकर्षण (environmental degredation) कहा जाता है।  पर्यावरण अवकर्षण के कारण अगर देखा जाए तो पर्य...

बल

बल क्या है बल एक सदिश राशि है अर्थात इसका परिमाण एवं दिशा होती है जो किसी वस्तु की  विराम अवस्था या सरल रेखा में समान गति की अवस्था को परिवर्तित कर सकती हैं। बल का मात्रक न्यूटन होता है। बलों के प्रकार गुरुत्वाकर्षण बल -ब्रह्मांड का प्रत्येक कण एक दूसरे को केवल अपने द्रव्यमान के कारण ही आकर्षित करते हैं। इसी प्रकार पृथ्वी पर प्रत्येक वस्तु एक दूसरे को आकर्षित करती हैं अर्थात किन्हीं दो कराओ की बीच इस प्रकार के आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं। विद्युत चुंबकीय बल दो प्रकार का होता है स्थिर विद्युत बल -दो स्थिर बिंदु आवेश के बीच लगने वाला बल स्थिर विद्युत बल कहलाता है। चुंबकीय बल -दो चुंबकीय धर्मों के बीच लगने वाला बल चुंबकीय बल कहलाता है विद्युत एवं चुंबकीय बल एक ही प्रक्रिया के दो रूप हैं जो विद्युत चुंबकीय बल की रचना करते हैं और यह फोटॉन कणों के माध्यम से कार्य करते हैं। दुर्बल या क्षीण बल -जिस रेडियो एक्टिव क्षय की प्रक्रिया में बीटा का निकलते हैं उसे बीटा क्षय कहते हैं। इस प्रक्रिया में नाभिक के अंदर एक न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन और एंटीन्यूट्रिनो के रूप...

विज्ञान के विभिन्न नियम और सिद्धांत

ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत क्या है? इस मूल सिद्धांत के अनुसार उर्जा का ना तो सृजन किया जा सकता है और ना ही उर्जा का विनाश हो सकता है  अतः ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है इसे एक माध्यम से दूसरे माध्यम में रूपांतरण किया जाता है इसे ही ऊर्जा संरक्षण का नियम कहते हैं। पास्कल का नियम क्या है? किसी द्रव की स्थिर अवस्था में तल के किसी भी स्थान पर अगर बल डाला जाए तो वह दाब समान रूप से संपूर्ण द्रव्य में संचालित हो जाता है इसे पास्कल का संचरण नियम कहते हैं।  पास्कल के नियम का अनुप्रयोग हाइड्रोलिक प्रेस एवं लिफ्ट और ब्रेक में किया जाता है। आर्कमिडीज का सिद्धांत क्या है? इस नियम के अनुसार जब कोई वस्तु द्रव्य अर्थात तरल में पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से डुबोई जाती है। तो उसके भार में कमी का आभास होता है  जो उत्प्लावक बल का परिमाण द्वारा हटाए गए द्रव्यमान के भार के बराबर होता है। उत्प्लावक बल-किसी द्रव में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर जो बल कार्य करता है उसे उत्प्लावक बल कहते हैं। बरनौली का सिद्धांत क्या है? जब कोई तरल बिना घर्षण के एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहता है त...

प्रकृतिवाद का अर्थ,प्रकृतिवाद और प्रकृतिवाद के सिद्धांत,शिक्षा में प्रकृतिवाद ,प्रकृतिवाद के मुख्य सिद्धांत

प्रकृतिवाद  क्या है? यह एक भौतिकवादी दर्शन है। जो इस सृष्टि की रचना के लिए प्रकृति को ही उत्तरदाई मानता है। प्रकृति की व्याख्या सामान्यता दो रूपों में की जाती हैं  प्रकृतिवाद के रूप प्रथम सामान्य अर्थ में जिसमें प्रकृति से तात्पर्य स्वाभाविक रूप से विकसित होने वाली रचना से किया जाता है। अतः इस ब्रह्मांड के सभी तत्व जिनकी रचना में मनुष्य का कोई योगदान नहीं होता प्रकृति कहलाते हैं,  दूसरे दार्शनिक दृष्टि से प्रकृति से तात्पर्य जो कि निश्चित नियम के अनुसार क्रियाशील है। प्रकृतिवाद भी प्रकृति को इस दूसरे अर्थ के रूप में मानता है।  प्रकृतिवाद और शिक्षा यह दर्शन का वह संप्रदाय है जो प्रकृति को सर्वोच्च सत्ता मानता है तथा प्रकृति के अनुसार शिक्षा प्राप्ति पर बल देता है। शिक्षा में प्रकृतिवाद का अर्थ ऐसी शिक्षा व्यवस्था से है जिससे बच्चों यानी बालक अपनी प्रवृत्ति के अनुसार विकसित होते हैं। प्रकृतिवाद का अर्थ प्रकृतिवाद को भौतिकवाद व पदार्थ वाद भी कहा जाता है इस दर्शन के अनुसार प्रकृति ही संसार का आधार है।  प्रकृतिवाद दर्शन पदार्थ मन तथा जीवन की व्यवस्था भौतिक एवं रा...

गति के नियम

गति के नियम न्यूटन ने बल एवं गति के बारे में गैलीलियो के विचारों को आगे बढ़ाकर उन्होंने तीन मौलिक नियमों को प्रस्तुत किया, जो वस्तु की गति को वर्णित करते हैं। इन नियमों को, न्यूटन के गति के नियम से जाना जाता है। गति का प्रथम नियम -गति के नियमों का उल्लेख न्यूटन की पुस्तक मैथमेटिशियन प्रिंसिपिया में उल्लेखित है गति के नियम अनुसार यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी और यदि वह एक समान सीधी रेखा में चल रही है। तो वह वैसे ही चलती रहेगी। जब तक कि उस पर कोई बाहृय बल लगाकर, उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन ना किया जाए। इसे गति का प्रथम नियम या गैलीलियो का नियम कहते हैं। जड़त्व तथा द्रव्यमान -प्रत्येक वस्तु अपनी स्थिर अवस्था या सरल रेखा में समान गति की अवस्था में बनी रहती है। जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल कार्यरत ना हो। दूसरे शब्दों में सभी वस्तुएं अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती हैं। चाहे वह विराम अवस्था या गतिशील हो, वह वस्तु अपनी मूल अवस्था को बनाए रखती हैं। तथा वस्तु का यह गुण जड़त्व कहलाता है। इसे ही गति का प्रथम नियम या गैलीलियो का नियम ...

गति क्या है

गति क्या है जब कोई पिंड दूसरे पिंड के सापेक्ष समय के साथ परिवर्तन करता है तो उसे गति माना जाता है अर्थात ऐसी वस्तुएं जिसमें समय के साथ उस वस्तु की स्थिति में परिवर्तन होता है वह गति की अवस्था कहलाती है।  स्थिर या विराम अवस्था अर्थात जिस वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन नहीं होता तो वह स्थिर होती है जिसे विराम अवस्था कहा जाता है नोट -गति तथा विराम अवस्था सापेक्ष होते हैं यानी कार में बैठे हुए किसी व्यक्ति को सापेक्ष दौड़ती हुई एक कार स्थिर दिखेगी, परंतु सड़क पर खड़े हुए व्यक्ति के सापेक्ष वही कार गतिशील प्रतीत होगी। गति के प्रकार रेखीय गति यदि कोई गतिमान वस्तु एक सीधी दिशा में या रेखा में चलती है तो वह रेखीय गति कहलाती है उदाहरण के लिए चलती हुई कार अनियमित गति - कोई गतिमान वस्तु अपनी दिशा निरंतर बदलती है तो वह अनियमित गति कहलाती है जैसे तितली का उड़ना कंपन गति -यदि कोई गतिशील वस्तु अपने मार्ग में किसी नियत बिंदु के के बाद ऊपर या नीचे जाकर गति करती है तो वह कंपन गति कहलाती है उदाहरण के लिए झूले या लोलक की गति वृत्तीय गति -यदि कोई गतिमान वस्तु वृत्ति पथ पर ...

ध्वनि क्या है ध्वनि का परावर्तन, अपवर्तन और व्यतिकरण

ध्वनि क्या है वे तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 से 20000 हर्ट्ज के बीच होती है और उनकी अनुभूति कानो द्वारा की जाती है उसे ध्वनि कहलाती है। ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें होती हैं अगर किसी माध्यम से कंपन होता है तो ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती है। ध्वनि का संचरण ध्वनि की एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में किसी न किसी माध्यम का होना आवश्यक है जैसे ठोस, द्रव, गैस का होना। ध्वनि निर्वात से होकर नहीं चल सकती है तथा ध्वनि के वेग पर तापमान का प्रभाव पड़ता है। ध्वनि तरंगे किसी भी माध्यम में अनुदैर्ध्य के रूप में चलती हैं। प्रतिध्वनि परावर्तित ध्वनि को प्रतिध्वनी कहते हैं तथा हमें स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक सतह को श्रोता से कम से कम 17 सेंटीमीटर की दूरी होना चाहिए अनुनाद से तात्पर्य है किसी वस्तु के कंपनियों की स्वभाविक आवृत्ति किसी चालक बल्कि कंपनियों की आवृत्ति के बराबर होती है तो वह वस्तु अधिक आयाम से कंपन करने लगती है इस घटना को अनुनाद कहते हैं ध्वनि का व्यतिकरण : जब दो समान आवृत्ति या आयाम की ध्वनि तरंगे एक साथ इसी बिंदु पर पहुंचती हैं। तो उस बिंदु पर ध्वनि ऊर्जा का ...

What is virus विषाणु क्या है और इसकी संपूर्ण जानकारी

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वायरस क्या है ? Virus वायरस शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द विओस vios से हुई है जिसका अर्थ होता है विषैला द्रव या पॉयजंस फूड अतः इसका तात्पर्य विष या विषाणु से है अगर हम सामान्य अर्थों में जाने वायरस एक ऐसे जीव हैं जो मानव की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं तथा यह स्वतंत्र रूप शरीर के बाहर मृत्य रूप में पाए जाते हैं जबकि यह शरीर में प्रवेश करते प्रवेश करते ही खुद को मल्टीप्लाई करने लगते हैं और बीमारी या रोग उत्पन्न करते हैं अगर हम वायरस का इतिहास जाने तो उस सर्वप्रथम एडोल्फ मेयर ने 1886 में संक्रामक के बारे में बताया था  और उस समय कोई इनको वायरस के नाम से नहीं जानता था लेकिन एक रूसी वैज्ञानिक डी इवानोवस्की ने 1892  मैं सर्वप्रथम पादपों में वायरल रोग की खोज की जिसे तमाकू में मोसियाक रोग के नाम से जाना जाता है इसी कारण इन्हें विषाणु की खोज का श्रेय प्राप्त हुआ  इसके बाद अनेक सूक्ष्म वैज्ञानिकों द्वारा विषाणु की भौतिक एवं रासायनिक संरचना के बारे में जानकारी दी इसी क्रम में वैज्ञानिक एस स्लैनज़र ने 1993 में सर्वप्रथम सेंट्रीफ्यूज तकनीक का उपयोग कर ...

आदर्शवाद का अर्थ,प्लेटो के अनुसार आदर्शवाद आदर्शवाद के रूप और आधारभूत सिद्धांत, आदर्शवाद का आधुनिक शिक्षा पर प्रभाव,नैतिक आदर्शवाद,निरपेक्ष आदर्शवाद

आदर्शवाद  आदर्शवाद मनुष्य को केवल प्राकृतिक उपादान ना मानकर सृष्टि की सर्वोच्च रचना मानता है। आदर्शवाद के लिए प्राकृतिक वातावरण से अधिक सांस्कृतिक वातावरण का महत्त्व है क्योंकि वह मनुष्य की उपलब्धि है। अपनी सांस्कृतिक निधि का आत्मसात करके व्यक्ति उसे आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करता है। इस दृष्टि  से शिक्षा की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। आदर्शवाद का अर्थ  आदर्शवाद को अंग्रेजी में idealism कहते हैं यह दर्शनशास्त्र का सबसे प्राचीनतम विचारधारा है इस विचारधारा के अनुसार मनुष्यों को सदाचार, विवेक, तर्क, कल्पना, निर्णय आदि मानसिक शक्तियों से युक्त आध्यात्मिक मनुष्य माना जाता है। प्रकृतिवाद मनुष्य को प्राकृतिक प्रवृत्तियां का जीवन मानकर उसकी शिक्षा व्यवस्था चाहता है अतः यह विचारधारा प्रकृतिवाद के बिल्कुल विपरीत है। कुछ लोग इस विचारधारा यह कहकर पुकारते हैं, कि आईडिया का अर्थ विचार है लेकिन फिर भी इस में अंतर है। आदर्शवाद शरीर की अपेक्षा मनुष्य अथवा ईश्वर को महत्व देता है। विचारों में आदर्शवाद सत्य एवं सार्थकता से परिपूर्ण है। आदर्शवाद के अंदर मानसिक तथा आध्यात्मिक स्थिति को ही परम ...

ज़ूम ऐप को लेकर सरकार की चेतावनी

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जूम एप्स असुरक्षित   इंडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बहुत ही इंपॉर्टेंट है क्योंकि कोविड-19 के चलते हमारा लॉक डाउन 3 मई तक एक्सटेंड हो चुका है जो भी काम हो रहा है। वह वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा हो रहा है जो भी क्लास, बैठके,और अन्य सरकारी कार्य हैं वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हो रहे है  भारत में हम तीन तरह की वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐप उपयोग में ला रहे हैं जिनमें ज़ूम ऐप, स्काईप और वैबेक्स है इनके माध्यम से वीडियो कांफ्रेंस की जाती है तथा ऐप का हेड क्वार्टर यूएस में है लेकिन ज़ूम ऐप को लेकर कुछ सवाल उठ रहे है कि इसके सर्वर चीन से होकर गुजरते हैं इसलिए प्राइवेसी को लेकर काफी कुछ इश्यू है   भारत में वीडियो कॉन्फ्रेंस का अभी तक कोई ऐप उपलब्ध नहीं है इसलिए इन ऐप का उपयोग बहुत ही अधिक किया जा रहा है जिसमें सरकार भी इन ऐप का उपयोग करके विभिन्न बैठकों और प्रशासनिक गतिविधियों को में इस ऐप का उपयोग करते है  भारत सरकार का innovation challenge।  भारत सरकार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐप की समस्याओं को लेकर एक चैलेंज दिया है कि लोग एक ऐसा ऐप बनाएं जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग...

वायुमंडलीय दाब और वायुमंडल को प्रभावित करने वाले कारक

वायुमंडलीय दाब और इसे प्रभावित करने वाले कारक  हम इस आर्टिकल में वायुमंडल के प्रमुख चार तत्वों के बारे में अध्ययन करेंगे। भौगोलिक दृष्टि से देखें तो वर्षा और तापमान जलवायु के प्रमुख दो तत्व है किंतु वायुदाब परोक्ष रूप से तापमान, वर्षा और पवन को प्रभावित करता है। पवन का जन्म वायुदाब के अंतर से ही हो पाता है। वायु का घनत्व, उसके तापमान और दाब पर निर्भर रहता है। सूर्यताप का असमान वितरण के कारण विभिन्न कटिबंधों मैं अलग-अलग वायुदाब उत्पन्न होता है। वायुमंडलीय दाब  वायु में भार होता है और इसलिए यह दबाव डालती हैं जैसा कि हम जानते हैं। पृथ्वी के चारों ओर फैला वायुमंडल कई प्रकार की गैसों के मिश्रण से बना है और हजार किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है।धरातल या समुद्र तल पर प्रति वर्ग इकाई का क्षेत्रफल पर इसके ऊपर स्थित वायुमंडल के स्तंभ (सभी परतो पर) के भार (दबाव) को वायुदाब कहते हैं। वायु को हम प्रत्यक्ष रूप से देख या महसूस नहीं कर पाते लेकिन यह मौसम के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है पवन, ऊष्मा और आद्रता को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में वायुदाब सहायक होती है। तथा...

Universe, solar system & planets, satellite,blood moon, super moon, blood moon, blue moon ब्रह्मांड, सौर मंडल और ग्रह उपग्रह, ब्लू मून, ब्लड मून, सुपर मून

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Milkeyway galaxy दुग्ध मेखला आकाशगंगा What is universe ब्रह्मांड क्या है ब्रह्मांड अनंत है जिसका कोई आकार नहीं है । ब्रह्मांड समस्त रूप से समय और अंतरिक्ष से मिलकर बनता है । जिसे ब्रह्मांड कहते हैं। ब्रह्मांड में तारे , ग्रह , आकाशगंगा, खगोलीय पिंड, अंतरिक्ष में व्याप्त आपरमाण्विक, पदार्थ, ऊर्जा आदि को सम्मिलित किया गया है। ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अब तक सर्वमान्य सिद्धांत बिग बैंग थ्योरी है जिसके अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति आज से लगभग 13.78 बिलियन वर्ष पूर्व हुई थी। ब्रह्मांड की उत्पत्ति अचानक विस्फोट के कारण पदार्थों में बिखराव हुआ जिससे ब्रह्मांड के अनेक पिंडों का निर्माण हुआ। हमारे ब्रह्मांड में लगभग 100 अरब गैलेक्सिया अर्थात आकाशगंगाए है तथा आकाशगंगा असंख्य तारों का एक पुंज होता है। जिसमें एक केंद्रीय बल्ज़ और तीन भुजाएं होती हैं। और यह चक्रित तीन भुजाएं अनेक तारों से निर्मित होती हैं बल्ज़ को आकाशगंगा का केंद्र माना जाता है। प्रत्येक आकाशगंगा में अनुमानित लगभग 100 अरब तारे होते हैं। हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी कहा जाता है। जिसकी आकृति सर्पिलाकर है। सौर मंडल ...

Renaissance in Italy, what are reasons for Renaissance, effect of Renaissance पुनर्जागरण की विशेषताएं, इटली में ही पुनर्जागरण क्यों और इसका प्रभाव

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इटली में पुनर्जागरण प्राचीन युग में बेहद ही समृद्ध यूनानी एवं रोमन सभ्यता थी जो मध्यकाल में आते आते लुप्त हो चुकी थी तथा पुनर्जागरण काल में फिर से उजागर कर एक नवीन चेतना का आधार बनाया गया अगर हम इतिहासकारों की बात माने तो पुनर्जागरण का आरंभ यूरोप इतिहास मैं आकस्मिक घटना नहींथी अपितु इसके पदचिन्ह पहले से ही मौजूद थे और यह कहना भी उचित नहीं होगा कि यूरोप का मध्यकाल पूर्णता अंधकार युग था लेकिन मध्यकाल की समाप्ति तक ऐसी परिस्थितियां जरूर उत्पन्न हो गई जिन्होंने मनुष्य को पहले से अधिक चेतना युक्त बना दिया । पुनर्जागरण काल मोटे तौर पर तेरहवीं शताब्दी के मध्य से प्रारंभ हुआ 15 वी शताब्दी के मध्य के बीच माना जाता है और आज का वर्तमान यूरोप का आरंभ पुनर्जागरण से ही माना जाता है क्योंकि पुनर्जागरण ने यूरोप में विचार करने की स्वतंत्रता, वैज्ञानिक एवं आलोचनात्मक दृष्टिकोण , चर्च के शासन से मुक्ति , कला और साहित्य में विकास के लिए प्रेरित किया । पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक विश्व इतिहास के झलक में लिखा है । पुनर्जागरण का अर्थ है कला और साहित्य, भाषाओं तथा विज्ञान का विकास पुनर्जागरण की वि...